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दशहरा | विजयादशमी | दसरा

DeepakDeepak

विजयादशमी | दशहरा

भारत में, दशहरा और विजयादशमी शब्दों का परस्पर उपयोग किया जाता है। दोनों शब्द एक ही त्यौहार का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा इसे हिन्दु चन्द्र कैलेण्डर के अनुसार आश्विन माह के दौरान शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इसीलिये अधिकांश वर्षों में दशहरा नवरात्रि के 9 दिन और दुर्गा पूजा उत्सव के 3 दिन पूरे होने के अगले दिन मनाया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह देवी पक्ष के दसवें दिन मनाया जाता है।

effigy of Ravana getting burned during Dussehra
दशहरा के दौरान मेघनाथ और कुम्भकर्ण के साथ
रावण का पुतला दहन

हालाँकि दशहरा नवरात्रि अथवा दुर्गा पूजा का भाग नहीं है, लेकिन यह हमेशा इसके साथ जुड़ा रहता है क्योंकि यह नवरात्रि और दुर्गा पूजा के अगले दिन पड़ता है, जब देवी दुर्गा की प्रतिमाओं को पवित्र जल निकायों में विसर्जित किया जाता है।

दशहरा शब्द उत्तर भारतीय राज्यों और कर्णाटक में अधिक प्रचलित है जबकि विजयादशमी शब्द पश्चिम बंगाल में अधिक लोकप्रिय है। दशहरा को दसरा के रूप में भी जाना जाता है।

दशहरा और विजयादशमी का प्रारम्भ एवम् महत्व

दशहरा शब्द दस शीर्ष वाले राक्षस राज रावण के वध को इंगित करता है और इसीलिये दशहरा का शाब्दिक अर्थ है दस पापों से मुक्त होना। दशहरा के अनुष्ठानों का उद्देश्य व्यक्ति को दस मानवीय कमजोरियों के साथ-साथ दस अवगुणों से भी मुक्त करना है। यह दस अवगुण, जो कि राक्षस रावण के दस सिरों का प्रतिनिधित्व करते हैं, निम्नलिखित हैं -

  1. काम वासना
  2. क्रोध
  3. मोह
  4. लोभ
  5. मद (अति अभिमान)
  6. मत्सर (ईर्ष्या)
  7. स्वार्थ
  8. अन्याय
  9. अमानवता
  10. अहङ्कार

हिन्दु कैलेण्डर में चार दशमी होती हैं जिनका विशेष महत्व होता है। आश्विन माह की दशमी तिथि उनमें से एक है और इसे विजयादशमी के रूप में जाना जाता है। विजयादशमी का अर्थ है दसवाँ दिन जो विजय प्रदान करता है। भगवान राम ने इस दिन शक्तिशाली राक्षस राज रावण पर विजय प्राप्त की थी, जिसके कारण इस बात की अत्यधिक सम्भावना है कि इस दिन का नाम विजयादशमी पड़ा होगा। विदित रहे कि आश्विन मास के दसवें दिन दस सिर वाले राक्षस रावण का वध एक मात्र संयोग नहीं हो सकता है।

दशहरा और विजयादशमी के देवी-देवता

भगवान राम - विजयादशमी के सबसे लोकप्रिय देवता भगवान राम हैं। इस दिन को भगवान राम की राक्षस रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। यह भी उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि भगवान राम को रावण का वध करके अयोध्या लौटने में 20 चन्द्र दिन लगे थे। जिस दिन भगवान राम अयोध्या पहुँचे थे वह दीवाली का दिन था। इसीलिये दीवाली के दिन को भगवान राम के चौदह वर्ष के वनवास को पूर्ण कर अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

देवी अपराजिता - कई क्षेत्रों में दशहरा और विजयादशमी के दिन देवी अपराजिता की पूजा की जाती है। जैसा कि नाम से स्पष्ट होता है, ऐसी देवी जिसे पराजित नहीं किया जा सकता। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने रावण के विरुद्ध युद्ध प्रारम्भ करने से पहले देवी अपराजिता का आशीर्वाद प्राप्त किया था। हालाँकि, वैदिक काल में देवी अपराजिता की पूजा क्षत्रियों और राजाओं तक ही सीमित थी।

शमी वृक्ष - विजयादशमी के दिन शमी वृक्ष की पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। ऐसा माना जाता है कि अर्जुन ने अपने वनवास के दौरान शमी के वृक्ष के अन्दर अपने अस्त्र-शस्त्र छुपाये थे। भारत के कुछ दक्षिणी राज्यों में शमी पूजा को बन्नी पूजा और जम्मी पूजा के नाम से भी जाना जाता है।

दशहरा और विजयादशमी की दिनाङ्क और समय

आश्विन चन्द्र मास के दौरान शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा और विजयादशमी को मनाया जाता है। यदि ग्रेगोरियन कैलेण्डर में दशमी तिथि लगातार दो दिनों में अधिव्याप्त होती है तो विजयादशमी के दिन को निश्चित करने में श्रवण नक्षत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

दशहरा और विजयादशमी पर परम्परायें एवम् अनुष्ठान

  1. रामलीला के माध्यम से राक्षस रावण के वध का मञ्चन
  2. सार्वजनिक आयोजन में रावण के प्रतीकात्मक पुतले का दहन
  3. आतिशबाजी का प्रदर्शन
  4. बहनों द्वारा भाइयों का तिलक करना
  5. पश्चिम बंगाल में सिन्दूर उत्सव मनाना
  6. सीमा अवलंघन अथवा सीमोल्लंघन
  7. देवी अपराजिता की पूजा करना
  8. शमी वृक्ष की पूजा करना
  9. मैसूर में भव्य हाथी जुलूस जिसे जम्बो सवारी के रूप में जाना जाता है।

दशहरा और विजयादशमी पर सार्वजनिक जीवन

दशहरा और विजयादशमी भारत में अनिवार्य राजपत्रित अवकाश हैं। अनिवार्य राजपत्रित अवकाश के दौरान, सम्पूर्ण भारत में सभी सरकारी कार्यालय बन्द रहते हैं। दशहरा के दिन बैंकों का भी अवकाश होता है। इसीलिये विजयादशमी के दिन सभी सार्वजनिक और निजी बैंक बन्द रहते हैं।

विजयादशमी के दिन सरकारी कार्यालयों और बैंकों के अलावा अधिकतर व्यापारिक संस्थान, विद्यालय और महाविद्यालय बन्द रहते हैं। हालाँकि, दशहरा के दिन सार्वजनिक परिवहन हमेशा की तरह कार्यरत रहता है।

दशहरा और विजयादशमी के समान त्यौहार

  1. नेपाल में दशैं
  2. कर्णाटक में मैसूर दशहरा
Kalash
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