यहाँ हम राम नवमी के अवसर पर की जाने वाली विस्तृत राम नवमी पूजा विधि का वर्णन कर रहे हैं। निम्नलिखित पूजा विधि में षोडशोपचार राम नवमी पूजा विधि के सभी सोलह चरणों को सम्मिलित किया गया है।
पूजा का शुभारम्भ, भगवान राम का ध्यान करते हुये करना चाहिये। अपने समक्ष पहले से स्थापित भगवान राम की प्रतिमा के समक्ष ध्यान किया जाना चाहिये। भगवान श्री राम का ध्यान करते समय निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करना चाहिये।
भगवान राम का ध्यान करने के पश्चात्, मूर्ति के समक्ष आवाहन मुद्रा प्रदर्शित करते हुये निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करना चाहिये। दोनों हथेलियों को मिलाकर तथा अँगूठे को अन्दर की ओर मोड़कर आवाहन मुद्रा बनायी जाती है।
भगवान राम का आवाहन करने पश्चात्, श्री राम जी को आसन ग्रहण कराने हेतु, अञ्जलि में (दोनों हाथों की हथेलियों को जोड़कर) पाँच पुष्प लें तथा निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, मूर्ति के समक्ष छोड़ दें।
भगवान राम को आसन अर्पण कराने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, उन्हें चरण प्रक्षालन हेतु जल अर्पित करें।
पाद्य अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को मस्तक के अभिषेक हेतु जल अर्पित करें।
अर्घ्य अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को आचमन हेतु जल अर्पित करें।
आचमन अर्पण करें के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को मधु एवं दुग्ध अर्पित करें।
मधुपर्कं अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को स्नान हेतु जल अर्पित करें।
स्नान के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान श्री राम को पञ्चामृत (दुग्ध, दही, मधु, घृत एवं शक्कर) से स्नान करायें।
तत् पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, श्री राम जी को नवीन वस्त्र के रूप में मोली अर्पित करें।
वस्त्र अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, श्री राम जी को यज्ञोपवीत अर्पित करें।
यज्ञोपवीत अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, श्री राम जी को गन्ध अर्पित करें।
गन्ध अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, श्री राम जी को पुष्प अर्पित करें।
तत् पश्चात् उन देवताओं की पूजा करें, जो स्वयं भगवान श्री राम की देह के अङ्ग हैं। पूजन हेतु बायें हाथ में गन्ध, अक्षत एवं पुष्प लें तथा निम्नलिखित मन्त्रों का उच्चारण करते हुये दाहिने हाथ से उन्हें श्री राम जी की मूर्ति के समक्ष अर्पित कर दें।
अङ्गपूजा के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को धूप अर्पित करें।
धूप अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को दीप अर्पित करें।
दीप अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को नैवेद्य अर्पित करें।
नैवेद्य अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को फल अर्पित करें।
फल अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को ताम्बूल (पान-सुपारी) अर्पित करें
ताम्बूल अर्पण करने के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को दक्षिणा अर्पित करें।
तत् पश्चात् निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान राम को नीराजन (आरती) अर्पित करें। नीराजन मन्त्र का जप करने के उपरान्त श्री राम आरती का गायन करें।
तत् पश्चात् निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, भगवान श्री राम को पुष्पाञ्जलि अर्पित करें।
तत् पश्चात् निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, पुष्पों के साथ श्री राम जी की प्रतीकात्मक प्रदक्षिणा, अर्थात बायीं ओर से दायीं ओर परिक्रमा करें।
प्रदक्षिणा के पश्चात्, निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुये, पूजा के समय की गयीं ज्ञात-अज्ञात त्रुटियों के लिये भगवान श्री राम से क्षमा याचना करें।
॥ इति राम नवमी पूजा विधिः सम्पूर्णः ॥