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2168 राम नवमी का दिन Parque Lefevre, Panama के लिए

DeepakDeepak

2168 राम नवमी

Parque Lefevre, Panama
राम नवमी
15वाँ
अप्रैल 2168
Friday / शुक्रवार
राम नवमी
Rama Navami

राम नवमी मुहूर्त

राम नवमी शुक्रवार, अप्रैल 15, 2168 को
राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त - 11:04 से 13:32
अवधि - 02 घण्टे 28 मिनट्स
सीता नवमी रविवार, मई 15, 2168 को
राम नवमी मध्याह्न का क्षण - 12:18
नवमी तिथि प्रारम्भ - अप्रैल 15, 2168 को 07:17 बजे
नवमी तिथि समाप्त - अप्रैल 16, 2168 को 05:40 बजे

टिप्पणी: सभी समय २४-घण्टा प्रारूप में Parque Lefevre, Panama के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

2168 राम नवमी

भगवान राम का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। प्रत्येक वर्ष इस दिन को भगवान राम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। भगवान राम का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था, जो कि हिन्दु काल गणना के अनुसार दिन के मध्य का समय होता है। राम नवमी पूजा अनुष्ठान आदि करने हेतु मध्याह्न का समय सर्वाधिक शुभ होता है।. मध्याह्न काल छह घटी (लगभग 2 घण्टे, 24 मिनट) तक रहता है। मध्याह्न के मध्य का समय श्री राम जी के जन्म के क्षण को दर्शाता है तथा मन्दिरों में इस क्षण को भगवान श्री राम के जन्म काल के रूप में मनाया जाता हैं। इस दौरान भगवान श्री राम के नाम का जाप और जन्मोत्सव अपने चरम पर होता है।

पश्चिमी घड़ी तथा ग्रेगोरियन कैलेण्डर के व्यापक उपयोग के कारण लोग दोपहर के 12 बजे के समय को मध्याह्न काल मानने लगे हैं। यह समय सही हो सकता था, यदि क्रमशः सूर्योदय एवं सूर्यास्त सटीक प्रातः 6 बजे तथा साँयकाल 6 बजे होता। किन्तु अधिकांश स्थानों पर सूर्योदय एवं सूर्यास्त का समय छह बजे से भिन्न समय पर होता है। इसीलिये, अधिकांश भारतीय नगरों के लिये भगवान राम का जन्मोत्सव मनाने का सर्वोत्तम समय सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के मध्य आता है। द्रिक पञ्चाङ्ग सभी शहरों के लिये हिन्दु मध्याह्न क्षण की सूची प्रस्तुत करता है तथा इस समयावधि का ही उपयोग श्री राम जी का जन्मोत्सव मनाने हेतु करना चाहिये।

अयोध्या भगवान श्री राम का जन्मस्थान है तथा यहाँ मनाया जाने वाला राम नवमी समारोह अद्भुत एवं विलक्षण होता है। राम नवमी के अवसर पर दूर-दूर से श्रद्धालु अयोध्या आते हैं। सरयू नदी में पवित्र स्नान करने के पश्चात् भक्तगण श्री राम जी के जन्मोत्सव में भाग लेने हेतु राम मन्दिर जाते हैं।

राम नवमी के समय आठ प्रहर उपवास करने का सुझाव दिया जाता है। जिसका अर्थ है कि, भक्तों को सूर्योदय से सूर्योदय तक व्रत पालन करना चाहिये। राम नवमी का व्रत तीन भिन्न-भिन्न प्रकार से मनाया जा सकता है, नैमित्तिक - जिसे बिना किसी कारण के किया जाता है, नित्य - जिसे जीवन पर्यन्त बिना किसी कामना एवं इच्छा के किया जाता है तथा काम्य - जिसे किसी विशेष मनोरथ की पूर्ती हेतु किया जाता है।

Kalash
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