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108 Names of Lord Ganesha | Ashtottara Shatanamavali of Lord Ganesha

DeepakDeepak

108 Ganesha Names

Ashtottara Shatanamavali of Lord Ganesha

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गजानन
1
ॐ गजाननाय नमः।
Om Gajananaya Namah।
जो गज के समान मुख वाले हैं
गणाध्यक्ष
2
ॐ गणाध्यक्षाय नमः।
Om Ganadhyakshaya Namah।
जो देवगणों के स्वामी हैं
विघ्नराज
3
ॐ विघ्नराजाय नमः।
Om Vighnarajaya Namah।
जो विघ्नों को दूर करने वाले एवं विघ्नों के स्वामी हैं
विनायक
4
ॐ विनायकाय नमः।
Om Vinayakaya Namah।
जो समस्त प्राणियों के स्वामी हैं
द्वैमातुर
5
ॐ द्वैमातुराय नमः।
Om Dvaimaturaya Namah।
जो दो माताओं वाले हैं
द्विमुख
6
ॐ द्विमुखाय नमः।
Om Dwimukhaya Namah।
जो दो मुखों वाले हैं
प्रमुख
7
ॐ प्रमुखाय नमः।
Om Pramukhaya Namah।
जो सृष्टि के मुख्य देव हैं
सुमुख
8
ॐ सुमुखाय नमः।
Om Sumukhaya Namah।
जो सुन्दर मुख वाले हैं
कृती
9
ॐ कृतिने नमः।
Om Kritine Namah।
जो स्वयं सृष्टि स्वरूप हैं
सुप्रदीप
10
ॐ सुप्रदीपाय नमः।
Om Supradipaya Namah।
जो अज्ञान रूपी अन्धकार को नष्ट करने वाले हैं
सुखनिधि
11
ॐ सुखनिधये नमः।
Om Sukhanidhaye Namah।
जो सुख के सागर एवं सुख प्रदान करने वाले हैं
सुराध्यक्ष
12
ॐ सुराध्यक्षाय नमः।
Om Suradhyakshaya Namah।
जो देवताओं के अधिपति हैं
सुरारिघ्न
13
ॐ सुरारिघ्नाय नमः।
Om Surarighnaya Namah।
जो देवों के शत्रुओं का संहार करने वाले हैं
महागणपति
14
ॐ महागणपतये नमः।
Om Mahaganapataye Namah।
जो सर्वोच्च एवं सर्वशक्तिमान हैं
मान्य
15
ॐ मान्याय नमः।
Om Manyaya Namah।
जो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में मान्य (पूज्य) हैं
महाकाल
16
ॐ महाकालाय नमः।
Om Mahakalaya Namah।
जो काल (समय / मृत्यु) के स्वामी हैं
महाबल
17
ॐ महाबलाय नमः।
Om Mahabalaya Namah।
जो अत्यधिक बलशाली हैं
हेरम्ब
18
ॐ हेरम्बाय नमः।
Om Herambaya Namah।
जो माता के प्रिय पुत्र हैं
लम्बजठर
19
ॐ लम्बजठराय नमः।
Om Lambajatharaya Namah।
जो लम्बे पेट वाले हैं
ह्रस्वग्रीव
20
ॐ ह्रस्वग्रीवाय नमः।
Om Hraswagrivaya Namah।
जो छोटी गर्दन वाले हैं
महोदर
21
ॐ महोदराय नमः।
Om Mahodaraya Namah।
जो विशाल पेट वाले हैं
मदोत्कट
22
ॐ मदोत्कटाय नमः।
Om Madotkataya Namah।
जो सदैव उन्मुक्त रहने वाले हैं
महावीर
23
ॐ महावीराय नमः।
Om Mahaviraya Namah।
जो अत्यन्त वीर एवं पराक्रमी हैं
मन्त्री
24
ॐ मन्त्रिणे नमः।
Om Mantrine Namah।
जो समस्त मन्त्रों के ज्ञाता एवं स्वामी हैं
मङ्गलस्वर
25
ॐ मङ्गलस्वराय नमः।
Om Mangalaswaraya Namah।
जिनका स्वर अत्यन्त मङ्गलमय है
प्रमध
26
ॐ प्रमधाय नमः।
Om Pramadhaya Namah।
जो सृष्टि के समस्त अवयवों के मूल हैं
प्रथम
27
ॐ प्रथमाय नमः।
Om Prathamaya Namah।
जो सर्वप्रथम पूजे जाने वाले हैं
प्राज्ञ
28
ॐ प्राज्ञाय नमः।
Om Prajnaya Namah।
जो अत्यधिक बुद्धिमान हैं
विघ्नकर्ता
29
ॐ विघ्नकर्त्रे नमः।
Om Vighnakartre Namah।
जो विघ्न उत्पन्न करने वाले हैं
विघ्नहर्ता
30
ॐ विघ्नहर्त्रे नमः।
Om Vignahartre Namah।
जो विघ्न नष्ट करने वाले हैं
विश्वनेता
31
ॐ विश्वनेत्रे नमः।
Om Vishwanetre Namah।
जो सम्पूर्ण सृष्टि पर अपनी दृष्टि रखने वाले हैं
विराट्पति
32
ॐ विराट्पतये नमः।
Om Viratpataye Namah।
जो विराट् सृष्टि के स्वामी हैं
श्रीपति
33
ॐ श्रीपतये नमः।
Om Shripataye Namah।
जो सौभाग्य प्रदान करने वाले हैं
वाक्पति
34
ॐ वाक्पतये नमः।
Om Vakpataye Namah।
जो वाणी के देवता हैं
शृङ्गारी
35
ॐ शृङ्गारिणे नमः।
Om Shringarine Namah।
जो लाल सिन्दूर से सुशोभित हैं
अश्रितवत्सल
36
ॐ अश्रितवत्सलाय नमः।
Om Ashritavatsalaya Namah।
जो शरणार्थियों पर करुणा करने वाले हैं
शिवप्रिय
37
ॐ शिवप्रियाय नमः।
Om Shivapriyaya Namah।
जो भगवान शिव को अति प्रिय हैं
शीघ्रकारी
38
ॐ शीघ्रकारिणे नमः।
Om Shighrakarine Namah।
जो शीघ्र मनोकामना पूर्ण करने वाले हैं
शाश्वत
39
ॐ शाश्वताय नमः।
Om Shashwataya Namah।
जो अपरिवर्तनशील एवं अविनाशी हैं
बल
40
ॐ बलाय नमः।
Om Balaya Namah।
जो स्वयं बल स्वरूप हैं
बलोत्थित
41
ॐ बलोत्थिताय नमः।
Om Balotthitaya Namah।
जिनके बल में निरन्तर वृद्धि होती है
भवात्मज
42
ॐ भवात्मजाय नमः।
Om Bhavatmajaya Namah।
जो सृष्टि के पुत्र के रूप में पूजे जाने वाले हैं
पुराणपुरुष
43
ॐ पुराणपुरुषाय नमः।
Om Puranapurushaya Namah।
जो आदि पुरुष एवं पुराणों के ज्ञाता हैं
पूषा
44
ॐ पूष्णे नमः।
Om Pushne Namah।
जो प्राणियों का पोषण करने वाले हैं
पुष्करोत्षिप्तवारी
45
ॐ पुष्करोत्षिप्तवारिणे नमः।
Om Pushkarotshiptavarine Namah।
जो कमल पुष्पयुक्त सरोवर में क्रीडा करने वाले हैं
अग्रगण्य
46
ॐ अग्रगण्याय नमः।
Om Agraganyaya Namah।
जो सभी देवगणों में श्रेष्ठ हैं
अग्रपूज्य
47
ॐ अग्रपूज्याय नमः।
Om Agrapujyaya Namah।
सर्वप्रथम जिनकी पूजा की जाती है
अग्रगामी
48
ॐ अग्रगामिने नमः।
Om Agragamine Namah।
जो नेतृत्व एवं मार्गदर्शन करने वाले हैं
मन्त्रकृत्
49
ॐ मन्त्रकृते नमः।
Om Mantrakrite Namah।
जो मन्त्रों की रचना करने वाले हैं
चामीकरप्रभ
50
ॐ चामीकरप्रभाय नमः।
Om Chamikaraprabhaya Namah।
जो सूर्य के समान आभामण्डल वाले हैं
सर्व
51
ॐ सर्वाय नमः।
Om Sarvaya Namah।
जो सम्पूर्ण सृष्टि के स्वरूप में स्थित हैं
सर्वोपास्य
52
ॐ सर्वोपास्याय नमः।
Om Sarvopasyaya Namah।
जो समस्त सृष्टि में पूज्य हैं
सर्वकर्ता
53
ॐ सर्वकर्त्रे नमः।
Om Sarvakartre Namah।
जो समस्त कार्यों के कर्ता एवं नियन्त्रक हैं
सर्वनेता
54
ॐ सर्वनेत्रे नमः।
Om Sarvanetre Namah।
जो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की गतिविधियों पर दृष्टि रखने वाले हैं
सर्वसिद्धिप्रद
55
ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः।
Om Sarvasiddhipradaya Namah।
जो समस्त प्रकार की सिद्धियाँ प्रदान करने वाले हैं
सिद्धि
56
ॐ सिद्धये नमः।
Om Siddhaye Namah।
जो स्वयं सिद्ध हैं
पञ्चहस्त
57
ॐ पञ्चहस्ताय नमः।
Om Panchahastaya Namah।
जो पाँच हाथों (चार हाथ एवं एक सूँड) वाले हैं
पार्वतीनन्दन
58
ॐ पार्वतीनन्दनाय नमः।
Om Parvatinandanaya Namah।
जो माता पार्वती के प्रिय पुत्र हैं
प्रभु
59
ॐ प्रभवे नमः।
Om Prabhave Namah।
जो सम्पूर्ण चराचर जगत के आदि स्रोत हैं
कुमारगुरु
60
ॐ कुमारगुरवे नमः।
Om Kumaragurave Namah।
जो कुमार (कार्तिकेय) के गुरु हैं
अक्षोभ्य
61
ॐ अक्षोभ्याय नमः।
Om Akshobhyaya Namah।
जो अभेद्य एवं अनश्वर हैं
कुञ्जरासुरभञ्जन
62
ॐ कुञ्जरासुरभञ्जनाय नमः।
Om Kunjarasurabhanjanaya Namah।
जो कुञ्जरासुर का वध करने वाले हैं
प्रमोद
63
ॐ प्रमोदाय नमः।
Om Pramodaya Namah।
जो सदैव प्रसन्न रहने वाले हैं
मोदकप्रिय
64
ॐ मोदकप्रियाय नमः।
Om Modakapriyaya Namah।
जिन्हें मोदक अत्यन्त प्रिय हैं
कान्तिमान्
65
ॐ कान्तिमते नमः।
Om Kantimate Namah।
जिनके मुखमण्डल पर अद्भुत तेज विद्यमान है
धृतिमान्
66
ॐ धृतिमते नमः।
Om Dhritimate Namah।
जो धैर्यशाली एवं दृढ हैं
कामी
67
ॐ कामिने नमः।
Om Kamine Namah।
जो कामनाओं की पूर्ति करने वाले हैं
कपित्थपनसप्रिय
68
ॐ कपित्थपनसप्रियाय नमः।
Om Kapitthapanasapriyaya Namah।
जिन्हें कपित्थ (कैथा) एवं पनस (कटहल) के फल प्रिय हैं
ब्रह्मचारी
69
ॐ ब्रह्मचारिणे नमः।
Om Brahmacharine Namah।
जो ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने वाले हैं
ब्रह्मरूपी
70
ॐ ब्रह्मरूपिणे नमः।
Om Brahmarupine Namah।
जो स्वयं ब्रह्म स्वरूप हैं
ब्रह्मविद्यादिदानभू
71
ॐ ब्रह्मविद्यादिदानभुवे नमः।
Om Brahmavidyadidanabhuve Namah।
जो ब्रह्मविद्या के स्वामी एवं दाता हैं
जिष्णु
72
ॐ जिष्णवे नमः।
Om Jishnave Namah।
जो सदैव विजय प्राप्त करने वाले हैं
विष्णुप्रिय
73
ॐ विष्णुप्रियाय नमः।
Om Vishnupriyaya Namah।
जो भगवान विष्णु को प्रिय हैं
भक्तजीवित
74
ॐ भक्तजीविताय नमः।
Om Bhaktajivitaya Namah।
जो भक्तों के जीवन की रक्षा करने वाले हैं
जितमन्मथ
75
ॐ जितमन्मथाय नमः।
Om Jitamanmathaya Namah।
जो मन एवं इन्द्रियों को वश में करने वाले हैं
ऐश्वर्यकारण
76
ॐ ऐश्वर्यकारणाय नमः।
Om Aishwaryakaranaya Namah।
जो ऐश्वर्य के स्वामी एवं दाता हैं
ज्यायस्
77
ॐ ज्यायसे नमः।
Om Jyayase Namah।
जो सर्वोच्च एवं सर्वश्रेष्ठ हैं
यक्षकिन्नरसेवित
78
ॐ यक्षकिन्नरसेविताय नमः।
Om Yakshakinnarasevitaya Namah।
यक्ष एवं किन्नर जिनकी सेवा में तत्पर हैं
गङ्गासुत
79
ॐ गङ्गासुताय नमः।
Om Gangasutaya Namah।
जो माँ गङ्गा के पुत्र हैं
गणाधीश
80
ॐ गणाधीशाय नमः।
Om Ganadhishaya Namah।
जो समस्त गणों के अधिपति एवं नायक हैं
गम्भीरनिनद
81
ॐ गम्भीरनिनदाय नमः।
Om Gambhiraninadaya Namah।
जो गम्भीर नाद उत्पन्न करने वाले हैं
वटु
82
ॐ वटवे नमः।
Om Vatave Namah।
जो बालस्वरूप में विराजमान हैं
अभीष्टवरद
83
ॐ अभीष्टवरदाय नमः।
Om Abhishtavaradaya Namah।
जो मनोवाञ्छित वर प्रदान करने वाले हैं
ज्योतिस्
84
ॐ ज्योतिषे नमः।
Om Jyotishe Namah।
जो ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता हैं
भक्तनिधि
85
ॐ भक्तनिधये नमः।
Om Bhaktanidhaye Namah।
जो भक्तों के सर्वस्व हैं
भावगम्य
86
ॐ भावगम्याय नमः।
Om Bhavagamyaya Namah।
जिन्हें मात्र भक्तिभाव द्वारा प्राप्त करना सम्भव है
मङ्गलप्रद
87
ॐ मङ्गलप्रदाय नमः।
Om Mangalapradaya Namah।
जो जीवन में मङ्गल प्रदान करने वाले हैं
अव्यक्त
88
ॐ अव्यक्ताय नमः।
Om Avyaktaya Namah।
मूल प्रकृति जिनसे सम्पूर्ण सृष्टि उत्पन्न हुई है
अप्राकृतपराक्रम
89
ॐ अप्राकृतपराक्रमाय नमः।
Om Aprakritaparakramaya Namah।
जो अतुलनीय पराक्रम के स्वामी हैं
सत्यधर्मी
90
ॐ सत्यधर्मिणे नमः।
Om Satyadharmine Namah।
जो सत्य के पथ पर चलने वाले हैं
सखा
91
ॐ सखये नमः।
Om Sakhaye Namah।
जो भक्तों के सखा व मित्र हैं
सरसाम्बुनिधि
92
ॐ सरसाम्बुनिधये नमः।
Om Sarasambunidhaye Namah।
जिन्हें दूर्वा घास प्रिय है
महेश
93
ॐ महेशाय नमः।
Om Maheshaya Namah।
जो देवताओं में सबसे महान हैं / जो भगवान शिव के पुत्र हैं
दिव्याङ्ग
94
ॐ दिव्याङ्गाय नमः।
Om Divyangaya Namah।
जिनके समस्त अङ्ग दिव्य एवं तेजोमय हैं
मणिकिङ्किणीमेखल
95
ॐ मणिकिङ्किणीमेखलाय नमः।
Om Manikinkinimekhalaya Namah।
जो मणियुक्त मेखला (कटिसूत्र) धारण करने वाले हैं
समस्तदेवतामूर्ति
96
ॐ समस्तदेवतामूर्तये नमः।
Om Samastadevatamurtaye Namah।
समस्त देव जिनकी उपासना करते हैं
सहिष्णु
97
ॐ सहिष्णवे नमः।
Om Sahishnave Namah।
जो शान्त एवं सहनशील स्वभाव वाले हैं
सततोत्थित
98
ॐ सततोत्थिताय नमः।
Om Satatotthitaya Namah।
जो सदैव प्रगति करने वाले हैं
विघातकारी
99
ॐ विघातकारिणे नमः।
Om Vighatakarine Namah।
जो भक्तों की सुरक्षा करने वाले हैं
विश्वग्दृक्
100
ॐ विश्वग्दृशे नमः।
Om Vishwagdrishe Namah।
जो सम्पूर्ण विश्व के क्रियाकलापों पर दृष्टि रखने वाले हैं
विश्वरक्षाकृत्
101
ॐ विश्वरक्षाकृते नमः।
Om Vishwarakshakrite Namah।
जो सृष्टि की रक्षा करने वाले हैं
कल्याणगुरु
102
ॐ कल्याणगुरवे नमः।
Om Kalyanagurave Namah।
जो गुरु के रूप में कल्याण करने वाले हैं
उन्मत्तवेष
103
ॐ उन्मत्तवेषाय नमः।
Om Unmattaveshaya Namah।
जो सदैव आनन्दमग्न रहने वाले हैं
अपराजित
104
ॐ अपराजिते नमः।
Om Aparajite Namah।
जिन्हें पराजित करना असम्भव है
समस्तजगदाधार
105
ॐ समस्तजगदाधाराय नमः।
Om Samstajagadadharaya Namah।
जो समस्त ब्रह्माण्ड को धारण करने वाले हैं
सर्वैश्वर्यप्रद
106
ॐ सर्वैश्वर्यप्रदाय नमः।
Om Sarwaishwaryapradaya Namah।
जो नाना प्रकार के धन-ऐश्वर्य प्रदान करने वाले हैं
आक्रान्तचिदचित्प्रभु
107
ॐ आक्रान्तचिदचित्प्रभवे नमः।
Om Akrantachidachitprabhave Namah।
जो समस्त सृष्टि के ज्ञान एवं बुद्धि के स्रोत हैं
श्री विघ्नेश्वर
108
ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः।
Om Shri Vighneshwaraya Namah।
जो समस्त विघ्नों को नष्ट करने वाले हैं

॥ Iti Shri Ganesha Ashtottarashatanamavalih Sampurna ॥

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