☰
Search
Mic
हि
Android Play StoreIOS App Store
Setting
Clock

परशुराम आरती, ॐ जय परशुधारी - हिन्दी गीतिकाव्य और वीडियो गीत

DeepakDeepak

श्री परशुराम आरती

ॐ जय परशुधारी भगवान परशुराम की सबसे प्रसिद्ध आरती में से एक है। यह प्रसिद्ध आरती भगवान परशुराम से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों पर गायी जाती है।

X

॥ श्री परशुराम आरती ॥

ॐ जय परशुधारी,स्वामी जय परशुधारी।

सुर नर मुनिजन सेवत,श्रीपति अवतारी॥

ॐ जय परशुधारी...॥

जमदग्नी सुत नर-सिंह,मां रेणुका जाया।

मार्तण्ड भृगु वंशज,त्रिभुवन यश छाया॥

ॐ जय परशुधारी...॥

कांधे सूत्र जनेऊ,गल रुद्राक्ष माला।

चरण खड़ाऊँ शोभे,तिलक त्रिपुण्ड भाला॥

ॐ जय परशुधारी...॥

ताम्र श्याम घन केशा,शीश जटा बांधी।

सुजन हेतु ऋतु मधुमय,दुष्ट दलन आंधी॥

ॐ जय परशुधारी...॥

मुख रवि तेज विराजत,रक्त वर्ण नैना।

दीन-हीन गो विप्रन,रक्षक दिन रैना॥

ॐ जय परशुधारी...॥

कर शोभित बर परशु,निगमागम ज्ञाता।

कंध चाप-शर वैष्णव,ब्राह्मण कुल त्राता॥

ॐ जय परशुधारी...॥

माता पिता तुम स्वामी,मीत सखा मेरे।

मेरी बिरद संभारो,द्वार पड़ा मैं तेरे॥

ॐ जय परशुधारी...॥

अजर-अमर श्री परशुराम की,आरती जो गावे।

'पूर्णेन्दु' शिव साखि,सुख सम्पति पावे॥

ॐ जय परशुधारी...॥

Kalash
कॉपीराइट नोटिस
PanditJi Logo
सभी छवियाँ और डेटा - कॉपीराइट
Ⓒ www.drikpanchang.com
प्राइवेसी पॉलिसी
द्रिक पञ्चाङ्ग और पण्डितजी लोगो drikpanchang.com के पञ्जीकृत ट्रेडमार्क हैं।
Android Play StoreIOS App Store
Drikpanchang Donation