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श्री रुद्राष्टकम - संस्कृत गीतिकाव्य एवं वीडियो गीत

DeepakDeepak

श्री रुद्राष्टकम

Shri Rudrashtakam is one of the most famous Ashtakam of Lord Shiva. This famous Ashtakam is recited on most occasions related to Lord Shiva.

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॥ श्रीरुद्राष्टकम् ॥

नमामीशमीशाननिर्वाणरूपं विभुंव्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्।

निजं निर्गुणं निर्विकल्पंनिरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम्॥1॥

निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशम्।

करालं महाकालकालं कृपालंगुणागारसंसारपारं नतोऽहम्॥2॥

तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरंमनोभूतकोटिप्रभा श्रीशरीरम्।

स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गालसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा॥3॥

चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालंप्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम्।

मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं प्रियंशङ्करं सर्वनाथं भजामि॥4॥

प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भंपरेशमखण्डमजं भानुकोटिप्रकाशम्।

त्रयः शूलनिर्मूलनं शूलपाणिंभजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम्॥5॥

कलातीतकल्याणकल्पान्तकारी सदासज्जनानन्ददाता पुरारी।

चिदानन्दसन्दोहमोहापहारी प्रसीदप्रसीद प्रभो मन्मथारी॥6॥

न यावद् उमानाथ पादारविन्दंभजन्तीह लोके परे वा नराणाम्।

न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशंप्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासम्॥7॥

न जानामि योगं जपं नैव पूजांनतोऽहं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यम्।

जराजन्मदुःखौघतातप्यमानं प्रभोपाहि आपन्नमामीश शम्भो॥8॥

रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तंविप्रेण हरतोषये।

ये पठन्ति नरा भक्त्यातेषां शम्भुः प्रसीदति॥9॥

॥ इति श्रीरामचरितमानसे उत्तरकाण्डे श्रीगोस्वामितुलसीदासकृतं श्रीरुद्राष्टकं सम्पूर्णम् ॥
Kalash
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