☰
Search
Mic
En
Android Play StoreIOS App Store
Setting
Clock

Shri Vishnu Dashavatara Stotram with Sanskrit Lyrics and Video

DeepakDeepak

Shri Vishnu Dashavatara Stotram

॥ श्री विष्णु दशावतार स्तोत्रम् ॥

प्रलयपयोधिजले धृतवानसि वेदम्।

विहितवहित्रचरित्रमखेदम्॥

केशव धृतमीनशरीर जय जगदीश हरे॥1॥

क्षितिरतिविपुलतरे तव तिष्ठति पृष्ठे।

धरणिधरणकिणचक्रगरिष्ठे॥

केशव धृतकच्छपरूप जय जगदीश हरे॥2॥

वसति दशनशिखरे धरणी तव लग्ना।

शशिनि कलंकलेव निमग्ना॥

केशव धृतसूकररूप जय जगदीश हरे॥3॥

तव करकमलवरे नखमद्भुतश्रृंगम्।

दलितहिरण्यकशिपुतनुभृंगम्॥

केशव धृतनरहरिरूप जय जगदीश हरे॥4॥

छलयसि विक्रमणे बलिमद्भुतवामन।

पदनखनीरजनितजनपावन॥

केशव धृतवामनरूप जय जगदीश हरे॥5॥

क्षत्रियरुधिरमये जगदपगतपापम्।

स्नपयसि पयसि शमितभवतापम्॥

केशव धृतभृगुपतिरूप जय जगदीश हरे॥6॥

वितरसि दिक्षु रणे दिक्पतिकमनीयम्।

दशमुखमौलिबलिं रमणीयम्॥

केशव धृतरघुपतिवेष जय जगदीश हरे॥7॥

वहसि वपुषि विशदे वसनं जलदाभम्।

हलहतिभीतिमिलितयमुनाभम्॥

केशव धृतहलधररूप जय जगदीश हरे॥8॥

निन्दसि यज्ञविधेरहह श्रुतिजातम्।

सदयह्रदयदर्शितपशुधातम्॥

केशव धृतबुद्धशरीर जय जगदीश हरे॥9॥

म्लेच्छनिवहनिधने कलयसि करवालम्।

धूमकेतुमिव किमपि करालम्॥

केशव धृतकल्किशरीर जय जगदीश हर॥10॥

श्रीजयदेवकवेरिदमुदितमुदारम्।

श्रृणु सुखदं शुभदं भवसारम्॥

केशव धृतदशविधरूप जय जगदीश हरे॥11॥

॥ इति श्रीजयदेवविरचितं श्रीदशावतारस्तोत्रं सम्पूर्णम्। ॥
Kalash
Copyright Notice
PanditJi Logo
All Images and data - Copyrights
Ⓒ www.drikpanchang.com
Privacy Policy
Drik Panchang and the Panditji Logo are registered trademarks of drikpanchang.com
Android Play StoreIOS App Store
Drikpanchang Donation