सूर्योदय06:16
सूर्यास्त18:16
चन्द्रोदय17:09
चन्द्रास्त05:58, मार्च 09
शक सम्वत1569 सर्वजित्
विक्रम सम्वत1704 दुर्मुख
गुजराती सम्वत1704 विकारी
अमान्त महीनाफाल्गुन
पूर्णिमान्त महीनाफाल्गुन
वाररविवार
पक्षशुक्ल पक्ष
तिथिचतुर्दशी - 01:03, मार्च 09 तक
योगधृति - 00:01, मार्च 09 तक
करणगर - 14:58 तक
द्वितीय करणवणिज - 01:03, मार्च 09 तक
राहुकाल16:46 से 18:16
गुलिक काल15:16 से 16:46
यमगण्ड12:16 से 13:46
अभिजित मुहूर्त11:52 से 12:40
दुर्मुहूर्त16:40 से 17:28
अमृत काल16:06 से 17:31
वर्ज्य07:38 से 09:03
वर्ज्य01:11, मार्च 09 से 02:34, मार्च 09
टिप्पणी: सभी समय २४-घण्टा प्रारूप में Ailuk, Marshall Islands के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।
हिन्दु कैलेण्डर में दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ शुरू होता है और अगले दिन स्थानीय सूर्योदय के साथ समाप्त होता है। क्योंकि सूर्योदय का समय सभी शहरों के लिए अलग है, इसीलिए हिन्दु कैलेण्डर जो एक शहर के लिए बना है वो किसी अन्य शहर के लिए मान्य नहीं है। इसलिए स्थान आधारित हिन्दु कैलेण्डर, जैसे की द्रिकपञ्चाङ्ग डोट कॉम, का उपयोग महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, प्रत्येक हिन्दु दिन में पांच तत्व या अंग होते हैं। इन पांच अँगों का नाम निम्नलिखित है -
हिन्दु कैलेण्डर के सभी पांच तत्वों को साथ में पञ्चाङ्ग कहते हैं। (संस्कृत में: पञ्चाङ्ग = पंच (पांच) + अंग (हिस्सा)). इसलिए हिन्दु कैलेण्डर जो सभी पांच अँगों को दर्शाता है उसे पञ्चाङ्ग कहते हैं। दक्षिण भारत में पञ्चाङ्ग को पञ्चाङ्गम कहते हैं।
जब हिन्दु कैलेण्डर में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन त्योहार और राष्ट्रीय छुट्टियां शामिल हों तो वह भारतीय कैलेण्डर के रूप में जाना जाता है।