☰
Search
Mic
हि
Android Play StoreIOS App Store
Setting
Clock

1986 माघ पूर्णिमा | माघी पूर्णिमा का दिन Tadine, Loyalty Islands, New Caledonia के लिए

DeepakDeepak

1986 माघ पूर्णिमा

Tadine, New Caledonia
माघ पूर्णिमा
24वाँ
फरवरी 1986
Monday / सोमवार
माघी पूर्णिमा
Maghi Purnima

माघ पूर्णिमा समय

माघ पूर्णिमा सोमवार, फरवरी 24, 1986 को
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - फरवरी 23, 1986 को 27:02+ बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त - फरवरी 24, 1986 को 26:02+ बजे

टिप्पणी: सभी समय २४:००+ प्रारूप में Tadine, New Caledonia के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय २४:०० से अधिक हैं और आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

1986 माघ पूर्णिमा

माघ पूर्णिमा, हिन्दु कैलेण्डर में एक अत्यधिक महत्वपूर्ण दिन होता है। धर्म ग्रन्थों में माघ माह में किये जाने वाले पवित्र स्नान एवं तप की महिमा का वर्णन किया गया है। मान्यताओं के अनुसार, माघ माह का प्रत्येक दिन दान-पुण्य आदि गतिविधियों हेतु विशेष महत्वपूर्ण होता है। माघ पूर्णिमा, माघी पूर्णिमा के नाम से अधिक लोकप्रिय है तथा इसे माघ माह का अन्तिम एवं सर्वोत्तम दिन माना जाता है। माघी पूर्णिमा के अवसर पर भक्तगण प्रयाग स्थित गंगा, यमुना तथा सरस्वती नदी के संगम स्थल त्रिवेणी पर, पवित्र स्नान, दान-दक्षिणा, गौदान, तथा हवन आदि धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।

माघ माह में प्रतिदिन भक्तगण प्रातःकाल गंगा अथवा यमुना नदी में स्नान करते हैं। यह नित्य स्नान पौष पूर्णिमा से आरम्भ होकर माघ पूर्णिमा पर समाप्त होता है। मान्यताओं के अनुसार, इस काल में किये गये दान-पुण्य आदि धार्मिक कर्म अति शीघ्र फलित होते हैं। अतः इस पावन काल में भक्तगण यथा शक्ति दान-पुण्य आदि कर्म करते हैं। माघ पूर्णिमा के दिन कल्पवास का समापन भी होता है। माघ माह में अनेक भक्त एक माह तक प्रयाग स्थित गंगा तट पर निवास करते हैं, जिसे कल्पवास कहा जाता है।

माघ पूर्णिमा के दिन सन्त रविदास जयन्ती भी मनायी जाती है।

Kalash
कॉपीराइट नोटिस
PanditJi Logo
सभी छवियाँ और डेटा - कॉपीराइट
Ⓒ www.drikpanchang.com
प्राइवेसी पॉलिसी
द्रिक पञ्चाङ्ग और पण्डितजी लोगो drikpanchang.com के पञ्जीकृत ट्रेडमार्क हैं।
Android Play StoreIOS App Store
Drikpanchang Donation