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हृदय कमलम एक लोक्रपिय रँगोली कलाकृति है, जो देवी लक्ष्मी का प्रतीक होती है। इसीलिये, इन कलाकृतियों को लक्ष्मी हृदय एवं लक्ष्मी हृदय कमलम के नाम से भी जाना जाता है। हृदय का तात्पर्य देवी माँ के हृदय से तथा कमल का आशय कमल पुष्प से है। कमल पुष्प, देवी लक्ष्मी का प्रिय पुष्प है तथा ये कलाकृतियाँ, देवी के हृदय का प्रतिनिधित्व करती हैं।
लक्ष्मी हृदय मुग्गू की रचना पूजा कक्ष में की जाती है तथा प्रवेश द्वारों पर पर इनकी रचना नहीं करनी चाहिये। सप्ताह के शुक्रवार को लक्ष्मी पूजा के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है। इसीलिये, शुक्रवार के दिन पूजा कक्ष में इन रँगोलियों की रचना की जाती है। अधिकांश हृदय कमलम रँगोली, आठ पँखुड़ियों वाली होती हैं, जिसमें श्वेत रँग एवं लाल रँग से कावी कला पर आधारित किनारे होते हैं।
हृदय कमलम को हृदय कमल भी कहा जाता है। हृदय कमलम की रचना तुलसी के पौधे के समीप भी की जाती है तथा उस चौकी पर भी इसका निर्माण किया जाता है, जिस पर गणेश पूजा, लक्ष्मी पूजा तथा वरलक्ष्मी व्रतम् पूजा की जाती है। हृदय कमलम सम्पत्ति, समृद्धि, तथा कल्याण का कोलम है।