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उगादी - तेलुगु नव वर्ष

DeepakDeepak

उगादी

उगादी

उगादी पर्व तेलुगु कैलेण्डर में नव वर्ष को चिन्हित करता है। उगादी को तेलुगु नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है तथा यह पर्व चैत्र माह के प्रथम दिवस पर मनाया जाता है। अधिकांश चन्द्र-सौर हिन्दु कैलेण्डरों में यह अत्यधिक महत्वपूर्ण दिवस होता है तथा इसे विक्रम सम्वत एवं भारतीय नव वर्ष के रूप में भी मनाया जाता है। उगादी के रूप में नव वर्ष अधिकाशंतः आन्ध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में लोकप्रिय है। महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में यही पर्व क्रमशः गुड़ी पड़वा एवं युगादी रूप में मनाया जाता है।

Ugadi Celebration
उगादी के दौरान पचड़ी वितरित करती महिलायें

उगादी पर्व को लोकप्रिय रूप से सम्वत्सरादि के नाम से भी जाना जाता है तथा इसका शाब्दिक अर्थ होता है "नव सम्वत का आरम्भ"। सम्वत्सर साठ (60) वर्षों का एक लम्बा समयचक्र है, जो शुक्र ग्रह की स्थिति से सम्बन्धित है। सम्वत्सर चक्र के अन्तर्गत सभी वर्षों का एक निश्चित नाम होता है तथा सम्वत के प्रकृति के आधार पर आगामी वर्ष हेतु भविष्यवाणी की जाती है।

उगादी उत्पत्ति | महत्त्व

उगादी चन्द्र-सौर आधारित हिन्दु कैलेण्डर का प्रथम दिवस है। अधिकांश हिन्दु कैलेण्डर एक प्राचीन ग्रन्थ पर आधारित हैं, जिसे सूर्य सिद्धान्त के नाम से जाना जाता है। हिन्दु मान्यताओं के अनुसार, स्वयं सूर्यदेव ने ही मनुष्यों को सूर्य सिद्धान्त का ज्ञान प्रदान किया था। इसीलिये उगादी पर्व की उत्पत्ति की तिथि निर्धारित करना असम्भव हो सकता है।

ज्योतिष के अनुसार, उगादी पर्व का दिन अति महत्वपूर्ण होता है। उगादी पर्व साढ़े तीन मुहूर्त के अन्तर्गत आता है। वैदिक ज्योतिष में उगादी, अक्षय तृतीया, विजयदशमी तथा बलि प्रतिपदा के आधे भाग के संयोजन से साढ़े तीन मुहूर्त का निर्माण होता है। इन दिवसों पर किसी मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती। मान्यता है कि, इन दिवसों पर किये गये सभी कार्य सकारात्मक एवं शुभ परिणाम देता है। उगादी पर्व खरीदारी के लिये भी महत्वपूर्ण होता है तथा लोग इस दिन ढेर सारी खरीदारी करते हैं।

उगादी आराध्य

उगादी का कोई विशेष इष्ट आराध्य नहीं है। यद्यपि इस दिन लोग पारम्परिक रूप से नव वर्ष का पञ्चाङ्ग सुनने के लिये संगठित होते हैं, जिसके अन्तर्गत आगामी वर्ष से सम्बन्धित सामान्य भविष्यवाणी की जाती है। पञ्चाङ्ग सुनने की इस परम्परा को पञ्चाङ्ग श्रवणम् कहा जाता है। पञ्चाङ्ग श्रवणम् एक अनौपचारिक सामाजिक समारोह है, जिसमें एक बृद्ध एवं गणमान्य व्यक्ति पञ्चाङ्ग पढ़ता है तथा लोगों की जन्मराशि के आधार पर वार्षिक भविष्यफल बताता है।

उगादी तिथि व समय

अमान्त एवं पूर्णिमान्त हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार -
चैत्र माह (प्रथम हिन्दु माह) की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि (प्रथम दिवस)

यदि चैत्र माह अधिक मास हो जाता है, तो प्रथम माह शुद्ध चैत्र माह तथा दूसरा अधिक माह होता है। जब भी ऐसा होता है तो उगादी पर्व के सभी अनुष्ठान शुद्ध चैत्र माह के प्रथम दिवस पर सम्पन्न किये जाते हैं। यद्यपि लोग संकल्प में नव सम्वत के नाम का उपयोग अधिक चैत्र माह से आरम्भ करते हैं।

उगादी क्रिया कलाप

उगादी पर्व के महत्वपूर्ण अनुष्ठान -

  • तेल स्नान अर्थात् अभ्यङ्ग स्नान करना
  • घर पर ध्वजारोहण करना
  • नीम की पत्तियों का सेवन करना
  • पञ्चाङ्ग श्रवणम्
  • चैत्र नवरात्री का आरम्भ

उगादी क्षेत्रीय विविधितायें

  • उत्तर भारत में उगादी
    अधिकांश उत्तर भारतीय राज्यों में इस दिन नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि उत्सव का आरम्भ होता है, जो रामनवमी के दिन सम्पन्न होता है। उगादी पर्व मुख्यतः आन्ध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में मनाया जाता है तथा वहाँ अमान्त कैलेण्डर का अनुसरण किया जाता है। उत्तर भारतीय राज्यों में, जो कि पूर्णिमान्त कैलेण्डर का पालन करते हैं, वर्ष का प्रथम दिवस चैत्र प्रतिपदा या उगादी से पन्द्रह (15) दिवस पश्चात् आरम्भ होता है। इसीलिये पूर्णिमान्त कैलेण्डर में होलिका दहन के अगले दिन वर्ष का प्रथम दिवस आरम्भ होता है। यद्यपि अधिकांश पञ्चाङ्गों में विक्रम सम्वत के साथ-साथ शक सम्वत भी उगादी पर्व से ही आरम्भ होता है।
  • कर्नाटक में उगादी
    कर्नाटक में उगादी पर्व युगादी के रूप में मनाया जाता है। कर्नाटक में यह एक अत्यधिक महत्वपूर्ण दिवस है तथा इस दिन कन्नड़ कैलेण्डर में नव वर्ष का आरम्भ होता है।
  • महाराष्ट्र में उगादी
    महाराष्ट्र एवं कोंकणी आदि क्षेत्रों में उगादी पर्व को गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा के दिन किये जाने वाले अनुष्ठान, उगादी के दिन किये जाने वाले अनुष्ठानों से भिन्न होते हैं। यद्यपि इस पर्व को मनाने के पीछे छिपा भाव समान ही है, अतः यह दिन मराठी कैलेण्डर में नव वर्ष को दर्शाता है।
  • राजस्थान में उगादी
    राजस्थान में मारवाड़ी लोग इस पर्व को थापन पर्व के रूप में मानते हैं। थापन पर्व राजस्थानी एवं मारवाड़ी कैलेण्डर में नव वर्ष को चिन्हित करता है। थापन के दिन होम-यज्ञ आदि भी किये जाते हैं।
  • सिन्धीयों में उगादी
    सिन्धी समुदाय में उगादी पर्व को चेटी चण्ड पर्व के रूप में मनाया जाता है। चेटी चण्ड सिन्धी समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व सिन्धियों द्वारा भारत एवं पाकिस्तान में मनाया जाता है। हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार चेटी चण्ड पर्व चैत्र शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है। अधिकाशंतः यह पर्व उगादी के अगले दिन मनाया जाता है।
  • बाली एवं इन्डोनेशिया में उगादी
    बाली एवं इन्डोनेशिया में रहने वाले हिन्दु समुदाय द्वारा उगादी को न्येपि पर्व के रूप में मनाया जाता है।

उगादी व्यञ्जन

  • उगादी पच्चड़ी अत्यधिक प्रसिद्ध व्यञ्जन है जो उगादि पर्व की पहचान बन गया है। यह गुड़, कच्चे आम के टुकड़ों, नीम के फूलों एवं इमली से निर्मित होता है। उगादी पच्चड़ी को पड़ोसी राज्य कर्नाटक में बेवु बेल्ला के नाम से जाना जाता है

उगादी समान पर्व

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