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2034 एकादशी व्रत के दिन Punganuru, आन्ध्र प्रदेश, भारत के लिए

DeepakDeepak

2034 एकादशी के दिन

एकादशी
कल
मोहिनी एकादशी
वैशाख, शुक्ल एकादशी
Punganuru, भारत
19
मई 2024
रविवार
2034 एकादशी उपवास के दिन
[2090 - 2091] विक्रम सम्वत
एकादशी
शुक्ल एकादशी
पौष, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - दिसम्बर 31 को 12:34 बजे
समाप्त - जनवरी 01 को 10:12 बजे
षटतिला एकादशी
जनवरी 16, 2034, सोमवार
एकादशी
कृष्ण एकादशी
माघ, कृष्ण एकादशी
प्रारम्भ - जनवरी 15 को 13:05 बजे
समाप्त - जनवरी 16 को 14:51 बजे
जया एकादशी
जनवरी 30, 2034, सोमवार
एकादशी
शुक्ल एकादशी
माघ, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - जनवरी 29 को 21:16 बजे
समाप्त - जनवरी 30 को 19:34 बजे
विजया एकादशी
फरवरी 15, 2034, बुधवार
एकादशी
कृष्ण एकादशी
फाल्गुन, कृष्ण एकादशी
प्रारम्भ - फरवरी 14 को 08:59 बजे
समाप्त - फरवरी 15 को 09:30 बजे
आमलकी एकादशी
फरवरी 28, 2034, मंगलवार
एकादशी
शुक्ल एकादशी
फाल्गुन, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - फरवरी 28 को 06:39 बजे
समाप्त - फरवरी 28 को 29:58+ बजे
एकादशी
शुक्ल एकादशी
फाल्गुन, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - फरवरी 28 को 06:39 बजे
समाप्त - फरवरी 28 को 29:58+ बजे
पापमोचिनी एकादशी
मार्च 16, 2034, बृहस्पतिवार
एकादशी
कृष्ण एकादशी
चैत्र, कृष्ण एकादशी
प्रारम्भ - मार्च 15 को 25:50+ बजे
समाप्त - मार्च 16 को 25:06+ बजे
कामदा एकादशी
मार्च 30, 2034, बृहस्पतिवार
एकादशी
शुक्ल एकादशी
चैत्र, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - मार्च 29 को 17:34 बजे
समाप्त - मार्च 30 को 18:06 बजे
बरूथिनी एकादशी
अप्रैल 15, 2034, शनिवार
एकादशी
कृष्ण एकादशी
वैशाख, कृष्ण एकादशी
प्रारम्भ - अप्रैल 14 को 15:10 बजे
समाप्त - अप्रैल 15 को 13:25 बजे
मोहिनी एकादशी
अप्रैल 29, 2034, शनिवार
एकादशी
शुक्ल एकादशी
वैशाख, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - अप्रैल 28 को 06:32 बजे
समाप्त - अप्रैल 29 को 08:12 बजे
अपरा एकादशी
मई 14, 2034, रविवार
एकादशी
कृष्ण एकादशी
ज्येष्ठ, कृष्ण एकादशी
प्रारम्भ - मई 13 को 25:08+ बजे
समाप्त - मई 14 को 22:40 बजे
निर्जला एकादशी
मई 28, 2034, रविवार
एकादशी
शुक्ल एकादशी
ज्येष्ठ, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - मई 27 को 21:27 बजे
समाप्त - मई 28 को 23:50 बजे
योगिनी एकादशी
जून 12, 2034, सोमवार
एकादशी
कृष्ण एकादशी
आषाढ़, कृष्ण एकादशी
प्रारम्भ - जून 12 को 08:18 बजे
समाप्त - जून 12 को 29:29+ बजे
एकादशी
कृष्ण एकादशी
आषाढ़, कृष्ण एकादशी
प्रारम्भ - जून 12 को 08:18 बजे
समाप्त - जून 12 को 29:29+ बजे
पद्मिनी एकादशी
जून 27, 2034, मंगलवार
एकादशी
शुक्ल एकादशी
आषाढ़, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - जून 26 को 13:42 बजे
समाप्त - जून 27 को 16:11 बजे
परम एकादशी
जुलाई 12, 2034, बुधवार
एकादशी
कृष्ण एकादशी
आषाढ़, कृष्ण एकादशी
प्रारम्भ - जुलाई 11 को 13:40 बजे
समाप्त - जुलाई 12 को 10:53 बजे
देवशयनी एकादशी
जुलाई 27, 2034, बृहस्पतिवार
एकादशी
शुक्ल एकादशी
आषाढ़, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - जुलाई 26 को 06:30 बजे
समाप्त - जुलाई 27 को 08:29 बजे
कामिका एकादशी
अगस्त 10, 2034, बृहस्पतिवार
एकादशी
कृष्ण एकादशी
श्रावण, कृष्ण एकादशी
प्रारम्भ - अगस्त 09 को 18:33 बजे
समाप्त - अगस्त 10 को 16:15 बजे
श्रावण पुत्रदा एकादशी
अगस्त 25, 2034, शुक्रवार
एकादशी
शुक्ल एकादशी
श्रावण, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - अगस्त 24 को 23:10 बजे
समाप्त - अगस्त 25 को 24:15+ बजे
अजा एकादशी
सितम्बर 8, 2034, शुक्रवार
एकादशी
कृष्ण एकादशी
भाद्रपद, कृष्ण एकादशी
प्रारम्भ - सितम्बर 07 को 24:28+ बजे
समाप्त - सितम्बर 08 को 23:06 बजे
परिवर्तिनी एकादशी
सितम्बर 24, 2034, रविवार
एकादशी
शुक्ल एकादशी
भाद्रपद, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - सितम्बर 23 को 15:14 बजे
समाप्त - सितम्बर 24 को 15:14 बजे
इन्दिरा एकादशी
अक्टूबर 8, 2034, रविवार
एकादशी
कृष्ण एकादशी
आश्विन, कृष्ण एकादशी
प्रारम्भ - अक्टूबर 07 को 08:58 बजे
समाप्त - अक्टूबर 08 को 08:52 बजे
पापांकुशा एकादशी
अक्टूबर 23, 2034, सोमवार
एकादशी
शुक्ल एकादशी
आश्विन, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - अक्टूबर 23 को 06:17 बजे
समाप्त - अक्टूबर 23 को 29:11+ बजे
एकादशी
शुक्ल एकादशी
आश्विन, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - अक्टूबर 23 को 06:17 बजे
समाप्त - अक्टूबर 23 को 29:11+ बजे
रमा एकादशी
नवम्बर 6, 2034, सोमवार
एकादशी
कृष्ण एकादशी
कार्तिक, कृष्ण एकादशी
प्रारम्भ - नवम्बर 05 को 21:12 बजे
समाप्त - नवम्बर 06 को 22:23 बजे
एकादशी
शुक्ल एकादशी
कार्तिक, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - नवम्बर 21 को 19:48 बजे
समाप्त - नवम्बर 22 को 17:43 बजे
उत्पन्ना एकादशी
दिसम्बर 6, 2034, बुधवार
एकादशी
कृष्ण एकादशी
मार्गशीर्ष, कृष्ण एकादशी
प्रारम्भ - दिसम्बर 05 को 13:25 बजे
समाप्त - दिसम्बर 06 को 15:36 बजे
मोक्षदा एकादशी
दिसम्बर 21, 2034, बृहस्पतिवार
एकादशी
शुक्ल एकादशी
मार्गशीर्ष, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - दिसम्बर 21 को 07:20 बजे
समाप्त - दिसम्बर 21 को 28:37+ बजे
एकादशी
शुक्ल एकादशी
मार्गशीर्ष, शुक्ल एकादशी
प्रारम्भ - दिसम्बर 21 को 07:20 बजे
समाप्त - दिसम्बर 21 को 28:37+ बजे

टिप्पणी: सभी समय २४:००+ प्रारूप में Punganuru, भारत के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय २४:०० से अधिक हैं और आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

2034 एकादशी उपवास के दिन

Goddess Ekadashi

हिन्दु कैलेण्डर में हर ११वीं तिथि को एकादशी उपवास किया जाता है। एक माह में दो एकादशी व्रत होते हैं जिसमे से एक शुक्ल पक्ष के समय और दूसरा कृष्ण पक्ष के समय होता है। भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनके भक्त एकादशी व्रत रखते हैं।

एकादशी उपवास तीन दिनों तक चलता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि अगले दिन पेट में भोजन का कोई अवशेष न रहे श्रद्धालु उपवास के एक दिन पहले केवल दोपहर में भोजन करते हैं। एकादशी के दिन श्रद्धालु कठोर उपवास रखते हैं और अगले दिन सूर्योदय के बाद ही उपवास समाप्त करते हैं। एकादशी उपवास के समय सभी तरह के अन्न का भोजन करना वर्जित होता है।

श्रद्धालु अपनी मनोशक्ति और शरीर की सामर्थ के अनुसार पानी के बिना, केवल पानी के साथ, केवल फलों के साथ अथवा एक समय सात्विक भोजन के साथ उपवास को करते हैं। उपवास के समय किस तरह का भोजन खाना है यह निर्णय उपवास शुरू करने से पहले लिया जाता है।

एकादशी व्रत

कभी कभी एकादशी व्रत लगातार दो दिनों के लिए हो जाता है। जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब स्मार्थ-परिवारजनों को पहले दिन एकादशी व्रत करना चाहिए। दुसरे दिन वाली एकादशी को दूजी एकादशी कहते हैं। सन्यासियों, विधवाओं और मोक्ष प्राप्ति के इच्छुक श्रद्धालुओं को दूजी एकादशी के दिन व्रत करना चाहिए। जब-जब एकादशी व्रत दो दिन होता है तब-तब दूजी एकादशी और वैष्णव एकादशी एक ही दिन होती हैं।

भगवान विष्णु का प्यार और स्नेह के इच्छुक परम भक्तों को दोनों दिन एकादशी व्रत करने की सलाह दी जाती है।

इस पृष्ठ के सभी एकादशी व्रतों के दिन स्मार्थों के लिए मान्य हैं। एकादशी व्रतों के दिन जो वैष्णव सम्प्रदाय के लिए मान्य है वैष्णव एकादशी उपवास पर सूचित किये गए हैं। साधारणतः वैष्णव एकादशी और स्मार्थ एकादशी का व्रत एक ही दिन होता है परन्तु साल में तीन-चार बार वैष्णव एकादशी का व्रत स्मार्थ एकादशी के एक दिन बाद होता है।

Kalash
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