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2065 श्री सत्यनारायण पूजा और कथा के दिन Gustavo Adolfo Madero, Mexico City, मेक्सिको के लिए

DeepakDeepak

2065 सत्यनारायण पूजा

2065 श्री सत्यनारायण पूजा के दिन
[2121 - 2122] विक्रम सम्वत
श्री सत्यनारायण व्रत
जनवरी 21, 2065, बुधवार
पूर्णिमा
शुक्ल पूर्णिमा
पौष, शुक्ल पूर्णिमा
प्रारम्भ - जनवरी 20 को 28:31+ बजे
समाप्त - जनवरी 21 को 27:52+ बजे
श्री सत्यनारायण व्रत
फरवरी 20, 2065, शुक्रवार
पूर्णिमा
शुक्ल पूर्णिमा
माघ, शुक्ल पूर्णिमा
प्रारम्भ - फरवरी 19 को 19:16 बजे
समाप्त - फरवरी 20 को 17:10 बजे
श्री सत्यनारायण व्रत
मार्च 21, 2065, शनिवार
पूर्णिमा
शुक्ल पूर्णिमा
फाल्गुन, शुक्ल पूर्णिमा
प्रारम्भ - मार्च 21 को 07:10 बजे
समाप्त - मार्च 21 को 27:55+ बजे
श्री सत्यनारायण व्रत
अप्रैल 20, 2065, सोमवार
पूर्णिमा
शुक्ल पूर्णिमा
चैत्र, शुक्ल पूर्णिमा
प्रारम्भ - अप्रैल 19 को 16:28 बजे
समाप्त - अप्रैल 20 को 12:34 बजे
श्री सत्यनारायण व्रत
मई 19, 2065, मंगलवार
पूर्णिमा
शुक्ल पूर्णिमा
वैशाख, शुक्ल पूर्णिमा
प्रारम्भ - मई 18 को 23:57 बजे
समाप्त - मई 19 को 20:04 बजे
श्री सत्यनारायण व्रत
जून 17, 2065, बुधवार
पूर्णिमा
शुक्ल पूर्णिमा
ज्येष्ठ, शुक्ल पूर्णिमा
प्रारम्भ - जून 17 को 06:47 बजे
समाप्त - जून 17 को 27:27+ बजे
श्री सत्यनारायण व्रत
जुलाई 17, 2065, शुक्रवार
पूर्णिमा
शुक्ल पूर्णिमा
आषाढ़, शुक्ल पूर्णिमा
प्रारम्भ - जुलाई 16 को 14:04 बजे
समाप्त - जुलाई 17 को 11:44 बजे
श्री सत्यनारायण व्रत
अगस्त 15, 2065, शनिवार
पूर्णिमा
शुक्ल पूर्णिमा
श्रावण, शुक्ल पूर्णिमा
प्रारम्भ - अगस्त 14 को 22:49 बजे
समाप्त - अगस्त 15 को 21:44 बजे
श्री सत्यनारायण व्रत
सितम्बर 13, 2065, रविवार
पूर्णिमा
शुक्ल पूर्णिमा
भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा
प्रारम्भ - सितम्बर 13 को 09:48 बजे
समाप्त - सितम्बर 14 को 10:04 बजे
श्री सत्यनारायण व्रत
अक्टूबर 13, 2065, मंगलवार
पूर्णिमा
शुक्ल पूर्णिमा
आश्विन, शुक्ल पूर्णिमा
प्रारम्भ - अक्टूबर 12 को 23:34 बजे
समाप्त - अक्टूबर 13 को 25:03+ बजे
श्री सत्यनारायण व्रत
नवम्बर 12, 2065, बृहस्पतिवार
पूर्णिमा
शुक्ल पूर्णिमा
कार्तिक, शुक्ल पूर्णिमा
प्रारम्भ - नवम्बर 11 को 16:14 बजे
समाप्त - नवम्बर 12 को 18:36 बजे
श्री सत्यनारायण व्रत
दिसम्बर 11, 2065, शुक्रवार
पूर्णिमा
शुक्ल पूर्णिमा
मार्गशीर्ष, शुक्ल पूर्णिमा
प्रारम्भ - दिसम्बर 11 को 11:15 बजे
समाप्त - दिसम्बर 12 को 13:51 बजे

टिप्पणी: सभी समय २४:००+ प्रारूप में Gustavo Adolfo Madero, मेक्सिको के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय २४:०० से अधिक हैं और आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

2065 श्री सत्यनारायण पूजा और कथा के दिन

Satyanarayan Puja Dates

श्री सत्यनारायण की पूजा भगवान नारायण का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है। श्री नारायण भगवान विष्णु का ही एक रूप हैं। भगवान विष्णु को इस रूप में सत्य का अवतार माना जाता है। सत्यनारायण की पूजा को करने का कोई दिन तय नहीं है और श्रद्धालु इसे किसी भी दिन कर सकते हैं लेकिन पूर्णिमा के दिन इसे करना अत्यन्त शुभ माना जाता है।

श्रद्धालुओं को पूजा के दिन उपवास करना चाहिए। पूजा प्रातःकाल व सन्ध्याकाल के समय की जा सकती है। सत्यनारायण की पूजा करने का समय सन्ध्याकाल ज्यादा उपयुक्त है जिससे उपवासी पूजा के बाद प्रसाद से अपना व्रत तोड़ सकते हैं।

द्रिक पञ्चाङ्ग सन्ध्याकाल के लिए श्री सत्यनरायण पूजा के दिनों को सूचीबद्ध करता है। इसीलिए दिये गए सत्यनारायण पूजा के दिन चतुर्दशी अर्थात पूर्णिमा के एक दिन पहले भी आ सकते हैं। जो श्रद्धालु पूजा को प्रातःकाल में करना चाहते है उन्हें द्रिकपञ्चाङ्ग से सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि पूजा पूर्णिमा तिथि के अन्दर करी जाती है। पूर्णिमा के दिन, प्रातःकाल के दौरान तिथि समाप्त हो सकती है और इसी वजह से पूर्णिमा तिथि हर बार प्रातःकाल की पूजा के लिए उपयुक्त नहीं है।

भगवान सत्यनारायण जो भगवान विष्णु के अत्यन्त हितैषी रूप है उनकी पूजा को मिलाकर पूजा के धार्मिक कृत्य बने होते हैं। पञ्चामृत (दूध, शहद, घी/मख्खन, दही और चीनी का मिश्रण) का उपयोग शालिग्राम जो कि महा विष्णु का पवित्र पत्थर है, को शुद्ध करने के लिए किया जाता है। पँजीरी जो कि मीठी और गेहूँ के भुने हुए आटे की होती है, केला और अन्य फलों को प्रसाद के रूप में उपयोग में लिया जाता है। तुलसी की पत्तियाँ भी प्रसाद में मिला दी जाती है जिससे प्रसाद और भी ज्यादा पवित्र हो जाता है।

पूजा की अन्य आवश्यकता पूजा की कहानी होती है जिसे कथा के रूप में भी जाना जाता है और यह कथा पूजा में शामिल श्रद्धालुओं और जो श्रद्धालु व्रत कर रहे हैं, उनके द्वारा सुनी जाती है। सत्यनारायण कथा में पूजा की उत्पत्ति, पूजा को करने के लाभ और किसी के द्वारा पूजा करने का भूलने से होने वाली संभावित दुर्घटनाओं की कहानी शामिल हैं।

पूजा की समाप्ती आरती के साथ होती है जिसमें भगवान की मूर्ति या छवि के आस-पास कर्पूर से ज्वलित छोटी सी ज्वाला को घुमाते हैं। आरती के बाद श्रद्धालु लोग पञ्चामृत और प्रसाद को ग्रहण करते हैं। व्रत करने वाले श्रद्धालु पञ्चामृत से व्रत को तोड़ने के बाद प्रसाद को ले सकते हैं।

Kalash
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