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2025 पोंगल का दिन Saint Pierre, Moka, मॉरिशस के लिए

DeepakDeepak

2025 थाई पोंगल

Saint Pierre, मॉरिशस
थाई पोंगल
14वाँ
जनवरी 2025
Tuesday / मंगलवार
पोंगल पर्व मनाते हुए सूर्यदेव की पूजा करते हुए परिवार
Family worshipping Lord Surya while celebrating Pongal

थाई पोंगल मुहूर्त

थाई पोंगल मंगलवार, जनवरी 14, 2025 को
थाई पोंगल संक्रान्ति का क्षण - 07:33 ए एम
मकर संक्रान्ति मंगलवार, जनवरी 14, 2025 को

टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में Saint Pierre, मॉरिशस के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
आधी रात के बाद के समय जो आगामि दिन के समय को दर्शाते हैं, आगामि दिन से प्रत्यय कर दर्शाये गए हैं। पञ्चाङ्ग में दिन सूर्योदय से शुरू होता है और पूर्व दिन सूर्योदय के साथ ही समाप्त हो जाता है।

थाई पोंगल 2025

पोंगल एक हिन्दु त्यौहार है, जिसे तमिलनाडु के लोगों द्वारा अत्यन्त धूमधाम से मनाया जाता है। पोंगल चार दिवसीय उत्सव है। पोंगल का सबसे महत्वपूर्ण दिन थाई पोंगल के रूप में जाना जाता है। थाई पोंगल, चार दिवसीय उत्सव का दूसरा दिन है, जिसे संक्रान्ति के रूप में भी मनाया जाता है। उत्तर भारतीय राज्यों में, थाई पोंगल को मकर संक्रान्ति के रूप में मनाया जाता है तथा इस अवसर पर लोग गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं।

थाई पोंगल से पिछले दिन को भोगी पण्डिगाई के रूप में जाना जाता है। इस दिन लोग अप्रयुक्त वस्तुओं को त्यागने के लिए अपने घरों में साफ-सफाई करते हैं तथा अलाव जलाते हैं। पंजाब में, इसी दिन सिख समुदाय द्वारा लोहड़ी का उत्सव मनाया जाता है।

थाई पोंगल के दिन, एक नये मिट्टी के पात्र में कच्चे दूध, गुड़ तथा नयी फसल के चावलों को उबालकर एक विशेष व्यञ्जन पकाया जाता है। इस विशेष व्यञ्जन को ही पोंगल कहा जाता है। पोंगल बनाते समय, लोग बर्तन में दूध को तब तक उबलने देते हैं जब तक वह उस मिट्टी के पात्र से बाहर न गिरने लगे। इस प्रक्रिया को भौतिक सम्पन्नता एवं समृद्धि के शुभ सन्केत के रूप में देखा जाता है। प्रसिद्ध इस चावल, दूध एवं गुड़ के व्यञ्जन को ठीक प्रकार से पकने के पश्चात्, शक़्कर, घी, काजू तथा किशमिश से सजाया जाता है। ताजा पकाया हुआ पोंगल सर्वप्रथम सूर्यदेव को अर्पित किया जाता है। पोंगल के द्वारा सूर्यदेव को अच्छी फसल के लिये आभार प्रकट किया जाता है। सूर्यदेव को पोंगल अर्पित करने के पश्चात्, घर के सदस्यों को केले के पत्ते पर पोंगल परोसा जाता है। परम्परागत रूप से पोंगल सूर्योदय के समय एक खुले स्थान पर पकाया जाता है।

तमिल सौर कैलेण्डर के अनुसार, थाई पोंगल थाई माह का प्रथम दिवस है। तमिल कैलेण्डर दसवाँ सौर माह है। थाई मास को अन्य हिन्दु सौर कैलेण्डर में मकर के नाम से जाना जाता है।

थाई पोंगल के अगले दिन को मट्टू पोंगल के नाम से जाना जाता है। मट्टू पोंगल के दिन मवेशियों को सजाया जाता है तथा उनकी पूजा की जाती है।

पोंगल के अन्तिम दिन को कानुम पोंगल के नाम से जाना जाता है। तमिलनाडु में यह दिन पारिवारिक मिलन का समय होता है।

Kalash
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